PM MODI NEWS :क्या मायावती नरेंद्र मोदी को हरा सकती है? जान लीजिये

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PM modi :राजनीतिक गालियारे में शुरू हुई चर्चा, क्या विपक्षी गठबंधन मायावती के नाम पर हो सकता है सहमत?
PM MODI NEWS TODAY IN HINDI : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के आम चुनाव में हराने के लिए तरह-तरह की रणनीति बनाई जा रही हैं । कभी पटना में तो कभी बेंगलुरु में देश की विपक्षी पार्टियां चुनाव में हराने की रणनीति बना रही हैं। ऐसे में सवाल खड़ा किया जा रहा है क्या वाकई में विपक्षी गठबंधन एकता में चुनाव लड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त दे सकता है ? ऐसी चर्चा के बीच एक स्विट्जरलैंड की स्कॉलर का कथन वायरल हो रहा है जिसमें वह कुछ सुझाव देती हुई दिखाई दे रही हैं।
 आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में जहां हिंदू वोट मिलते हैं , वहीं नरेंद्र मोदी के नाम पर पिछड़े और दलित समाज के लोग बढ़-चढ़कर वोट देते हैं । पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी मोदी के नाम पर वोट करती हैं । लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय मोदी को वोट नहीं देता है । या देता है तो ना के बराबर… ऐसे में नरेंद्र मोदी को चुनाव हराने के लिए सबसे पहले जरूरी है नरेंद्र मोदी और बीजेपी को मिलने वाले वोट में सेंध लगाना ।

 

 मायावती को मिल सकते हैं दलितों के वोट

 अगर विपक्षी गठबंधन की ओर से मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया जाए तो मुमकिन है कि देश का दलित समाज और पिछड़ा समाज मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए एक राय बनाले, और मायावती के नाम पर विपक्षी गठबंधन को चुनाव में भारी बहुमत दिला दें । हालांकि ऐसी संभावना बहुत कम है, क्योंकि मायावती अपने ऊपर चल रहे कई केसों की वजह से बीजेपी पर आक्रमण नहीं करती हैं. ऐसा माना जाता है कि वह अब कानूनी दांव पेंच में फंस कर जेल नहीं जाना चाहती हैं , क्योंकि मायावती पर कई घोटालों के आरोप लग चुके हैं ।
 दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन की तरफ से मायावती के नाम पर मुहर लगाना संभव नहीं है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन के अगुआ नीतीश कुमार 2024 में खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं । और उन्होंने ही देश के कई राज्यों का दौरा करके सभी पार्टियों को एक साथ लाने का काम पटना में किया था। हालांकि विपक्षी पार्टियों की हुई बेंगलुरु की बैठक में नीतीश कुमार को इतनी तहजीब नहीं दी गई , और विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनने का सपना भी टूट गया है। यही वजह है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन में खफा नजर आ रहे थे । हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि कुछ काम की वजह से वह जल्दी चले आए थे।
 दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अगुआ शरद पवार प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।

 क्या मोदी का वोट बैंक कम हो गया है?

 आपको बता दें कि 2019 के चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद जनता में कई मुद्दों को लेकर निराशा दिखाई दे रही है , एक तरफ जहां पेट्रोल और डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पहले की अपेक्षा 35 परसेंट तक कम हो गए हैं , उसके बावजूद तेल और पेट्रोल के दामों में बीजेपी सरकार कोई कमी नहीं कर रही है । दूसरी तरफ खाने पीने की चीजे काफी महंगी हो गई हैं , इसके अलावा पहले की अपेक्षा राहुल गांधी का कद बढ़ा है , जिसका फायदा उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलेगा , और कांग्रेस को जितनी ज्यादा सीटें मिलेंगी उतना ही नुकसान बीजेपी को होगा।
 क्योंकि बीजेपी पहले से ही बिहार,पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में अपनी सीट बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है।
 क्योंकि पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह से हार मिली है। 2019 के चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 18 सीटें मिली थी , लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है।ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों की अपेक्षा बीजेपी नहीं कर रही है । यही हाल बिहार का है.. नीतीश कुमार के गठबंधन के साथ बीजेपी ने 40 में से 39 (bjp+jdu)सीटें जीत लिया था.. लेकिन लालू यादव के पुत्र तेजस्वी जब से उप मुख्यमंत्री बने हैं , उनका कद बिहार में बढ़ रहा है, उसके अलावा आरजेडी पहले से ही बिहार में काफी मजबूत है , और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देगी ।
 रही बात है महाराष्ट्र की तो
 बीजेपी को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि आगे क्या होने वाला है . क्योंकि शिवसेना का शिंदे खेमा क्या शिवसैनिकों का वोट बीजेपी को दिलवा पाएगा ? एनसीपी छोड़कर बीजेपी गठबंधन सरकार में शामिल हुए अजित पवार क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कुछ मदद कर पाएंगे.. इस पर बड़ा सवाल है.. यही वजह है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
 फिलहाल जो कुछ भी हो, लेकिन 2024 के आम चुनाव में अगर विपक्ष गठबंधन अच्छे से चुनाव लड़ता है तो बीजेपी को काफी नुकसान होने वाला है, यह नुकसान क्या कुछ सीटों में होगा , या फिर जनता बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देगी , इसका फैसला 2024 के आम चुनाव में ही होगा!

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