Chandrayaan 3: 23 अगस्त बुधवार शाम के 6:04 पर चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग होते ही भारत ने इतिहास रच दिया| चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर भारत पहुंचने वाला पहला देश बन गया |चांद पर लैंडर ने कदम रखते ही देशभर में उत्सव का माहौल बन गया| विश्व भर से भारत को बधाइयां मिल रही हैं चंद्रयान मिशन में वैज्ञानिकों ने कई वर्षों से मेहनत की है जिसके कारण चंद्रयान तीन सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड हो गया है|
Chandrayaan 3:विंध्य के वैज्ञानिक युवा के हैं चर्चे
देश सेवा में लगे विंध्य के युवा वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है |हम आपको बता दें कि सतना के करसरा के रहने वाले ओम पांडे ऑर्बिट रेंज करने का जिम्मा संभाल रहे थे| वही चित्रकूट के निर्लेश सिंह ने लैंडिंग के वक्त चंद्रयान की गति पर नियंत्रण रखने की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाया| सतना के वैज्ञानिकों के अलावा रीवा के तरुण सिंह उमरिया से शिवांशु मिश्रा भी इस मिशन में सहयोगी रहे हैं|
चित्रकूट के कामता निवासी गगन सिंह के पुत्र निलेश सिंह ने चंद्रयान तीन की लॉन्चिंग और लैंडिंग के समय अपना योगदान दिया है| हम आपको बता दें कि नितेश सिंह बेंगलुरू स्थित इसरो संस्थान में वैज्ञानिक के पद पर 2018 से सेवाएं दे रहे हैं| निर्लेश सिंह ने चंद्रयान-2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी| हालांकि चंद्रयान-2 को सफलता नहीं मिल पाई थी |चंद्रयान-2 से वैज्ञानिकों ने सबक लेते हुए चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतार दिया है| और उनकी टीम ने चंद्रयान 3 के लिए सेंसर तैयार करने का भी काम किया है| चंद्रयान मिशन पर आखिर के 19 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इस दौरान वैज्ञानिकों की धड़कन बढ़ जाती है| इस दौरान चंद्रयान लेंडर के गति को कम करना होता है जिससे लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग हो सके |ओम पांडे और निर्लेश सिंह के द्वारा देश का और मध्य प्रदेश का नाम रोशन हुआ है|
चंद्रयान 3 में विंध्य की भागीदारी
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग और लैंडिंग में देश के वैज्ञानिकों के साथ विंध्य क्षेत्र के चार वैज्ञानिक इस मिशन का हिस्सा रहे हैं उन्होंने कुशल सहभागिता निभाते हुए देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है| करसरा से ओम पांडे ने आर्बिट रेंज का काम किया वही निर्लेश ने सेंसर मॉनिटरिंग की गति को नियंत्रित करने का काम किया |रीवा के तरुण सिंह ने कैमरा क्षेत्र में फोटो उपलब्ध करवाई|
प्रज्ञान रोवर निकला अपने मिशन पर
लैंडर के चांद के सतह पर लैंड होते ही भारत ने नया कीर्तिमान बना दिया है |लेंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर निकला जिसकी तस्वीर इसरो ने जारी की है |प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आते ही चांद की सतह पर सूर्य की किरणों से प्रज्ञान रोवर के सौर पैनल चार्ज होंगे. चांद की सतह के 500 मीटर तक प्रज्ञान रोवर भ्रमण करेगा |जिससे वह चांद की सतह की तस्वीर भेजता रहेगा | प्रज्ञान रोवर चंद्रमा में खनिज पदार्थ मैग्नीशियम हीलियम प्रदार्थ की खोज करेगा |इसके अलावा प्रज्ञान रोवर चंद्रमा में जल की उपस्थिति का विश्लेषण करेगा |साथ ही मिट्टी वातावरण की जानकारी इसरो तक पहुंचाएगा|
प्रधानमंत्री पहुंचेंगे इसरो मुख्यालय
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के ब्रिक्स सम्मेलन मे शामिल होने के लिए गए हुए थे |मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री साउथ अफ्रीका से सीधे बेंगलुरु जाएंगे |जहां वह सीधे इसरो मे जाकर वैज्ञानिकों को बधाई बधाई देंगे| प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है|
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